उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को जॉइंट फोरम ऑफ़ मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट इंडिया राष्ट्रीय संगठन , उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने मांगों का ज्ञापन दिया
उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को ज्ञापन देते हुए संगठन के पदाधिकारी
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक मेरठ मंडल के प्रवास पर सरधना ,रोहटा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की समीक्षा बैठक की जिसमे स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी लेते हुए चिकित्सा अधिकारीयों को संचारित रोग नियंत्रण अभियान को धरातल पर लाने हेतु उचित निर्देश दिया
मेरठ एवं मुज्जफरनगर जिले से आये जॉइंट फोरम ऑफ़ मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट इंडिया (राष्ट्रीय संगठन ) उत्तरप्रदेश इकाई के पदाधिकारी हनीफ राणा ,मोहम्मद शहवाज,सचिन लोहिया एवं मेडिकल लैब टेक्निशियन , लैब संचालको ने उपमुख्यमंत्री को बताया कि संचारित रोग नियंत्रण में हमेशा ही मेडिकल लैब टेक्निशियन , लैब संचालको का योगदान परदे के पीछे से कार्य करते हुए अप्रत्यक्ष रूप से रहा है जिसका उदहारण कोरोना महामारी में योगदान से देखा जा सकता है इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री को मेडिकल लेबोरेटरी सञ्चालन से सम्ब्नधित मांगों का ज्ञापन दिया
बेसिक लेबोरेटरी ( पैथ लैब ) का सञ्चालन एवं रजिस्ट्रेशन मेडिकल लैब टेक्नोलोजिस्ट के नाम से किया जाये
आपको बता दें कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ,भारत सरकार के द्वारा 2018 में मेडिकल लेबोरेटरी के सञ्चालन के सम्बन्ध में एक राजपत्र जारी किया था जिसमें मानवसंसाधन के कालम में साफ तौर पर लिखा गया था कि बेसिक लेबोरेटरी के लिए एम बी बी एस अनिवार्य नहीं है जबकि मेडिकल लैब टेक्नीशियन जिसका शैक्षणिक योग्यता देते हुए इनको अनिवार्य किया गया था इसका अर्थ ये होता है कि बेसिक लेबोरेटरी के रजिस्ट्रेशन के लिए एम बी बी एस अनिवार्य नहीं है जहां तक बेसिक लेबोरेटरी की रिपोर्ट्स की बात आती है तो 2018 राजपत्र में कहा गया है कि जिन रिपोर्ट्स में इंटरप्रिटेशन की आवस्यकता है उसके लिए एम बी बी एस अनिवार्य है
बेसिक लेबोरेटरी ( पैथ लैब ) का सञ्चालन एवं रजिस्ट्रेशन मेडिकल लैब टेक्नोलोजिस्ट के नाम से होता है
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ,भारत सरकार के द्वारा जारी 2018 राजपत्र के आधार पर हरियाणा ,हिमाचल प्रदेश एवं अन्य कुछ प्रदेशों में बेसिक लैब का रजिस्ट्रेशन मेडिकल लैब टेक्नोलोजिस्ट के नाम से किया जा रहा है
परन्तु उत्तर प्रदेश में नहीं किया जा रहा है
बेसिक लेबोरेटरी ( पैथ लैब ) कि रिपोर्ट्स मेडिकल लैब टेक्नोलोजिस्ट द्वारा दी जा सकती है
जब 2018 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ,भारत सरकार के द्वारा मेडिकल लेबोरेटरी के सञ्चालन के सम्बन्ध में राजपत्र जारी किया गया जिसमे बेसिक लैब में एम बी बी एस की अनिवार्यता को ख़तम कर दिया गया था तो जॉइंट फोरम ऑफ़ मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट इंडिया (राष्ट्रीय संगठन ) द्वारा प्रश्न उठाया गया कि बेसिक लैब की रिपोर्ट्स किसके माध्यम से दी जाएगी इसके लिए आर र टी आई के माध्यम से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ,भारत सरकार से जवाब माँगा गया
जवाब आया कि बेसिक लैब की रिपोर्ट्स जो की मशीन के द्वारा आती है और इस रिपोर्ट्स में किसी भी प्रकार के इंटरप्रिटेशन की जरुरत नहीं होती है ऐसी रिपोर्ट्स प्रशिक्षित लैब टेक्निशियन या लैब साइंटिस्ट दे सकता है
जॉइंट फोरम ऑफ़ मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट इंडिया (राष्ट्रीय संगठन ) एवं उत्तरप्रदेश इकाई के पदाधिकारी हनीफ राणा ,मोहम्मद शहवाज,सचिन लोहिया एवं मेडिकल लैब टेक्निशियन , लैब संचालको ने उपमुख्यमंत्री से की मांग
1 .उत्तर प्रदेश में मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट/ टेक्निशयन के पंजीयन के लिए अलाइड हेल्थकेयर प्रोफ़ेस्सशनल्स कॉउन्सिल का गठन अतिशीघ्रता के साथ किया जाय।
२. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ,भारत सरकार के द्वारा मेडिकल लेबोरेटरी के सञ्चालन के सम्बन्ध में जारी 2018 राजपत्र को उतार प्रदेश में लागु किया जाए
3. बेसिक लैब कि रिपोर्ट्स पर मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट/ टेक्निशयन के हस्ताक्षर का अधिकार दिया जाये
इस अवसर पर जे एफ एम एल टी इंडिया उत्तरप्रदेश इकाई के अध्यक्ष घनश्याम कम्बोज एवं प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल शर्मा जी ने मेरठ जिले के मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट/ टेक्निशयन को मांगों का ज्ञापन देने के लिए ध्यानवाद किया