शुक्रवार, 5 सितंबर 2025

भारतीय शोधकर्ताओं ने कोयले के नमूनों में प्लास्टिक को नष्ट करने वाले बैक्टीरिया का किया खोज

डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय (डीयू) की एक टीम ने कोयला आधारित वातावरण में प्लास्टिक और प्लास्टिक जैसी सामग्रियों को विघटित करने में सक्षम बैक्टीरिया पर एक अध्ययन किया है।शोधकर्ताओं ने दार्जिलिंग और अरुणाचल प्रदेश के लघु हिमालय से कोयले के नमूने एकत्र किए और कोयले में मौजूद जीवाणुओं के नमूने अलग किए।

इस अध्ययन का उद्देश्य इस जीवाणु समूह को अलग करना और प्लास्टिक तथा प्लास्टिक जैसे पदार्थों को विघटित करने कि
 उनकी क्षमता का आकलन करना है। यह भारत में कोयले से बैक्टीरिया को अलग करने वाला पहला अध्ययन हो सकता है 
जो प्लास्टिक और प्लास्टिक जैसी उच्च घनत्व वाली सामग्रियों को विघटित कर सकता है।


इस खोज से पता चलता है कि कोयले के नमूनों से प्राप्त कुछ जीवाणु पृथक्करण, पॉलीइथाइलीन ग्लाइकॉल 
6000 (PEG 6000) को अपने एकमात्र कार्बन स्रोत के रूप में उपयोग करके, उसे विघटित करने में सक्षम थे।

यह प्लास्टिक और इसी तरह की सिंथेटिक सामग्रियों को तोड़ने में उनके संभावित उपयोग को दर्शाता है।
यह शोध पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी विभाग में पंजीकृत एक शोध विद्वान मनुरंजन कोंवर द्वारा किया गया था, जो डिब्रूगढ़ 
विश्वविद्यालय के डॉ ध्रुबज्योति नियोग और डॉ दिगंता भुयान की देखरेख में अपनी पीएचडी की डिग्री हासिल कर रहे 
शोधकर्ता के द्वारा कि गयी है
कोंवर लघु हिमालयी गोंडवाना कोयले में कोयला विशेषताओं और कोल बेड मीथेन क्षमता पर अपना पीएचडी कार्य कर 
रहे हैं। अपने शोध कार्य के एक भाग के रूप में, कोंवर ने डॉ. प्रणित सैकिया के विशेषज्ञ मार्गदर्शन में, उसी विभाग की 
शोधार्थी मंजूषा देवी के सहयोग से, जैव प्रौद्योगिकी एवं जैव सूचना विज्ञान केंद्र में प्लास्टिक-अपघटनकारी जीवाणुओं की
 उपस्थिति की जाँच की।

 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मेडिकल लैब टेक्नोलॉजीस्ट बेसिक लैब रिपोर्ट्स पर हस्ताक्षर कर सकेंगे कॉउन्सिल बनाएगी नियम ,हरियाणा में कॉउन्सिल का निर्माण किया जाय

मेडिकल लैब टेक्नोलॉजीस्ट   बेसिक लैब रिपोर्ट्स पर हस्ताक्षर कर सकेंगे कॉउन्सिल बनाएगी नियम साथ ही हरियाणा के कॉउन्सिल का न...